सक्ति 28 मई 2023/ छत्तीसगढ़ शासन की महत्वाकांक्षी योजना नरवा, गरुवा, घुरुवा अऊ बाड़ी योजना के तहत गौठान निर्माण से ग्रामीण क्षेत्रों के आम नागरिकों सहित स्व सहायता समूह की महिलाओं को लाभ मिल रहा है। इसी क्रम में नवगठित सक्ती जिले के जनपद पंचायत जैजैपुर अन्तर्गत आने वाले ग्राम तलवा, छीतापंडरिया में तीन एकड़ क्षेत्र में फैले गौठान में मुर्गी पालन, मछली पालन, सब्जी उत्पादन एवं वर्मी खाद उत्पादन कर महिला स्व-सहायता समूहों के आय में वृद्धि हो रही है और वे आत्मनिर्भर बन रही हैं। ग्राम तलवा, छीतापंडरिया के गौठान में महिला स्व-सहायता समूह की सदस्य श्रीमती शारदा यादव एवं हीरा बाई सहित अन्य को विभिन्न प्रकार से आय अर्जन एवं स्वरोजगार का बेहतर प्लेटफार्म मिला है। इस स्वरोजगार से समूह के आय में वृद्धि हुई और किसानों को रसायन मुक्त जैविक खाद के उपयोग का बढ़ावा मिला, जिससे जैविक खेती की ओर अग्रसर हो रहें है।
छीतापंडरिया गौठान में अमरिका बाई ने गोबर विक्रय कर 41 हजार रूपए से अधिक का किया आय प्राप्त – इस गौठन के मध्यम से सबसे अधिक गोबर विक्रेता श्रीमती अमरीका बाई के द्वारा 20 हजार 6 सौ 13 किलोग्राम गोबर विक्रय किया गया है। जिसके द्वारा उन्हें 41 हजार 2 सौ 26 रूपये का आय प्राप्त हुआ। यह उनके अकेले की आय है। उनके इस आमदानी को देखते हुये उनकी सहेली श्रीमती लक्ष्मी बाई शुक्ल ने भी गोबर 12 हजार 6 सौ 23 किलोग्राम विक्रय किया। जिससे उन्हें 25 हजार 2 सौ 46 रुपए का आय प्राप्त हुआ। इसी प्रकार श्री संतोष यादव ने भी गोबर विक्रय 10 हजार 3 सौ 88 किलोग्राम किया। जिससे उन्हें 20 हजार 7 सौ 78 रुपए का आय प्राप्त हुआ। सभी ग्रामीणजन सरकार की इस महत्वकांक्षी योजना से बहुत ही खुश हैं। उन्होंने शासन को गोधन न्याय योजना संचालित करने के लिए धन्यवाद दिया। जनपद पंचायत जैजैपुर के मुख्य कार्यपालन अधिकारी से प्राप्त जानकारी के अनुसार नवदुर्गा स्व सहायता समूह को ग्राम तलवा में पंचायत द्वारा राम सागर तालाब में मछली पालन कराए जाने के लिए समूह का गठन 20 मई 2018 को किया गया। समूह में कुल 10 सदस्य है। सभी सदस्य सम्मिलित होकर विविध आजीविका मूलक गतिविधि के तहत सब्जी उत्पादन व मछली पालन का कार्य कर आय अर्जित कर रहे है। गौठान में सब्जी और मुर्गी पालन का कार्य भी कर रहे है। गौठान में जुड़ने से उन्हे आजिविका गतिविधि का अवसर मिला। जिसमें प्रारंभिक निवेश 10 हजार से 84 हजार रुपए आय प्राप्त हुआ। उन्होंने बताया की उनके समूह का वार्षिक आय 2 लाख 50 हजार रू हो जाता है। इसी प्रकार जय माँ सरस्वती महिला समूह में 10 सदस्य कार्यरत है। जिनको गौठान में जुड़ने से चारागाह, डबरी में मछली पालन एवं सब्जी उत्पादन का अवसर मिला। जिसमें प्रारंभिक निवेश 17 हजार रूपये है। समूह का उक्त आजीविका गतिविधि से अब तक प्रारंभिक तौर पर 1 लाख 5 हजार रूपये आय अर्जन हो चुका है।
स/क्र