Bhuchalnews: छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने भूपेश सरकार को भ्रस्ट सरकार की उपाधि से नवाज़े हैँ उनके निर्वाचन छेत्र में डी एम एफ फंड की करोडो की राशि का बंदरबाट हुआ है इसे स्वीकारते हुये सदन से उच्च स्तरीय जाँच की मांग किये है इससे भाजपा की आरोपों की पुस्टि होती है और प्रदेश भर में डीएमएफ फंड का करोड़ों अरबो रूपये बंदरबाट का भेंट चढ़ गया जिससे रायगढ़ जिला भी अछूता नही है
उक्ताशय के आरोप लगाते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता और प्रदेश कार्यसमिति सदस्य गुरुपाल भल्ला ने कहा है कि रायगढ़ में स्ट्रीट लाइट खरीदी के नाम पर पचास लाख का घोटाला, सूरजगढ़ पुल के एप्रोच रोड में डस्ट बिछाने के नाम पर बीस लाख से ज्यादा का घोटाला और कृषि उपकरण की खरीददारी में करोड़ों का घोटाला प्रमुख है।
गुरुपाल भल्ला ने कहा कि जिन कृषि मशीनों की कीमत एक से सवा लाख रुपये तक है, उन्हें डीएमएफ सेआठ लाख रुपये तक खरीदा गया है। अफसरों का कहते है कि राज्य बीज निगम से निर्धारित दर पर खरीदी की गई है, जबकि बीज निगम ने कृषि उपकरणों या इससे जुडी प्रोसेसिंग मशीनों के लिए कोई रेट निर्धारित नहीं किया है। नियमानुसार खरीदी के लिए रेट कान्ट्रेक्ट का होना जरूरी है। अन्य मामलों में रेट निर्धारण छत्तीसगढ़ स्टेट इंडस्ट्रियल डवलपमेंट कार्पोरेशन (सीएसआइडीसी) से होता है, लेकिन यहां खरीदी छत्तीसगढ़ कृषि-मशीनीकरण और सूक्ष्म सिंचाई निगरानी प्रक्रिया प्रणाली(चैम्स) में प्रस्ताव दे रहे सप्लायरों के मनमुताबिक कीमत पर हुई है। यह भ्रष्टाचार का सबसे बड़ा सबूत है।
श्री भल्ला ने कहा कि इसी तरह के एक मामले में जिले में कृषि विभाग ने दुर्ग-भिलाई की दो कंपनियों को 95 रोटरी टिलर और 95 मिनी पल्वेराइजर खरीदी का आदेश दिया। यह काम इतनी तेजी से किया गया, जितना कि दूसरे सरकारी विभागों में नहीं होता। 7 दिसंबर 2021 को उप संचालक कृषि विभाग ने नौ तहसीलों में 95 नग रोटरी टिलर 8 एचपी और 95 नग मिनी पल्वेराइजर खरीदी का प्रस्ताव बनाया। कृषि विभाग रायगढ़ को उक्त सामग्री खरीदी की और कलेक्टर से प्रशासकीय स्वीकृति 14 दिसंबर 2021 को मिल गई। हैरानी की बात यह है कि प्रभारी उप संचालक कृषि, डिगेश पटेल ने 14 दिसंबर को ही जिला प्रबंधक बीज निगम रायगढ़ को कुल 190 उपकरण खरीदने का आदेश जारी कर दिया। उप संचालक कृषि ने इन मशीनों के लिए जिन दो फर्मों का उल्लेख किया गया उनमे SKY TECH को 95 नग रोटरी टिलर सप्लाई का काम दिया गया। वहीं 95 नग मिनी पल्वेराइजर खरीदने के लिए दुर्ग की ही ANNABHUMI के नाम का क्रय आदेश दिया गया। इस बड़े घोटाले के जांच से मोहन मरकाम और भाजपा के आरोप की पुष्टि हो सकती है।
गुरुपाल भल्ला ने कहा कि गौठान और प्रबंधन समिति के नाम पर छह करोड़ पच्चीस लाख रुपए का स्वीकृत किए गए मगर यह राशि भी बंदरबांट की भेंट चढ़ गई। टेक्सटाइल यूनिट के नाम पर चार करोड़ खर्च किए गए मगर न तो अफसरों के पास और न कांग्रेसी जनप्रतिनिधियों के पास इस बात का कोई जवाब है कि उन मशीनों का लाभ आखिर मिल किसे रहा है ? यह खरीदी ही केवल कमीशन के चक्कर में की गई। कोतरा और कोड़ातराई के सरकारी स्कूलों के उन्नयन के लिए 7 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत की गई थी। इन स्कूलों की हालत आज भी बद से बदतर बनी हुई है तो आखिर यह राशि गई कहां ?
गुरुपाल भल्ला ने कहा कि जिले में साठ करोड़ से ज्यादा की राशि डीएमएफ से जबकि बीस करोड़ से ज्यादा की राशि रॉयल्टी के माध्यम से रायगढ़ जिले को मिलती है मगर जब से यह सरकार आई है तब से इलाके के विकास की जगह यह राशि अफसरों और कांग्रेस के जनप्रतिनिधियों के भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जा रहा है, यह दुर्भाग्य का विषय है।